Ragi kya hota hai | रागी का दूसरा नाम : 5 फायदे और नुकसान | finger millet in hindi

इस आर्टिकल में रागी का दूसरा नाम, Ragi kya hota hai, रागी के फायदे और नुकसान एवं रागी (Finger Millet) से जुडी अन्य जानकारियां दी गयी हैं

आपको पता होगा कि प्राचीन काल से हमारे देश में पारंपरिक रूप से मोटे अनाजों का सेवन होता रहा है। इनमें से एक अनाज रागी है, जो कि बहुत ही फायदेमंद है। रागी को आमतौर पर मंडुआ, Finger Millet in hindi और नाचनी (nachni in hindi) के नाम से भी जाना जाता है। यह अनाज खाने में स्वादिष्ट होता है और सेहत के लिए भी बहुत लाभदायक होता है।

रागी में ऊर्जा की अधिक मात्रा होती है और यह प्रोटीन, विटामिन और मिनरल्स का एक बहुत अच्छा स्रोत होता है। इसके अलावा, रागी में फाइबर भी होता है जो भोजन को पाचन तंत्र के लिए बेहतर बनाता है और वजन घटाने में मदद करता है।

रागी के सेवन से कई बीमारियों से छुटकारा मिलता है। इसके अंतिम अनुमानों के अनुसार, रागी (ragi in hindi) के अंतर्गत पाए जाने वाले विटामिन सी, विटामिन ए, विटामिन डी, विटामिन के, आयरन, कैल्शियम, पोटेशियम, फॉस्फोरस और मैग्नीशियम जैसे तत्व हमारे शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं।

रागी को भिगोकर, पीसकर और फिर बनाई गई आटे से रोटी बनाई जाती है जो अन्य अनाजों की तुलना में ज्यादा पौष्टिक होती है। रागी की रोटी को खाने से शरीर को ऊर्जा मिलती है और बाकी अनाजों की तुलना में इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी कम होता है जिससे डायबिटीज जैसी बीमारियों से बचाव होता है।

रागी के लड्डू, दोसा, इडली, उपमा, पोहा, इत्यादि भी बनाए जाते हैं जो स्वादिष्ट होते हैं और बच्चों से लेकर वयस्कों तक को सेहत का बहुत अच्छा लाभ प्रदान करते हैं।

इसके अलावा, रागी को अन्य अनाजों के साथ मिलाकर बनाए जाने वाले खाद्य पदार्थ भी बहुत स्वादिष्ट होते हैं। जैसे कि रागी की खिचड़ी, उबली हुई रागी, दलिया, रागी के आटे से बनी बिस्कुट और केक आदि।

संक्षिप्त में कहें तो, रागी अनाज हमारे शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होता है। इसका सेवन हमारी सेहत के लिए बहुत अच्छा होता है और हमें कई बीमारियों से बचाता है।

रागी क्या होता है | Ragi kya hota hai | Finger millet in hindi

रागी अनाज क्या होता है – रागी भारत में 4000 साल पहले उगाया जाने वाला एक मोटा अनाज है। यह 200 मीटर ऊंचाई वाले क्षेत्रों या पहाड़ी इलाकों में उगाया जाता है, जैसे कि अफ्रीका और एशिया पर भी रागी उगाई जाती है। भारत में रागी को मुख्य रूप से कर्नाटक, आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु, महाराष्ट्र और गोवा में उगाया जाता है। रागी एक वार्षिक पेड़ होता है और यह मोटे अनाज जैसे मक्का, ज्वार, जौ आदि के साथ सेवन किया जाता है।

रागी खाने में स्वादिष्ट होता है और इसमें बहुत सारे पौष्टिक तत्व होते हैं। इसे मंडुआ, नाचनी (nachni), फिंगर मिलेट आदि नामों से भी जाना जाता है। रागी को किसी भी समय खेत में उगाया जा सकता है। आज, भारत रागी का सबसे अधिक निर्यात करने वाला देश है।

तो हम उम्मीद करते हैं की अब आपको पता लग गया होगा की (ragi kya hota hai) रागी क्या होता है।

रागी का दूसरा नाम | Ragi in hindi meaning

भारत में कई राज्यों में बोली जाने वाली अलग-अलग भाषाओं के कारण रागी के अन्य नाम भी होते हैं। इनमें से कुछ नाम निम्नलिखित हैं:

  • रागी का हिंदी नाम (ragi in hindi name) –  मंडुआ, रागी, नाचनी
  • रागी का अंग्रेजी नाम – इंडियन मिलेट, फिंगर मिलेट
  • रागी का राजस्थानी नाम – रागी
  • रागी का अरबी नाम –  तैलाबोन
  • रागी का तेलुगु नाम  – रागुलू
  • रागी का संस्कृत नाम – त्रित्य्कुंदल
  • रागी का तमिल नाम –  केल्चारागु
  •  रागी का पंजाबी नाम –  चलोडरा
  • रागी का मराठी नाम –  नचीरी
  • रागी का मलयालम नाम  –  मुत्तरी
  • रागी का तमिल नाम  – केल्चारागु
  • रागी का वनस्पति नाम  – एलुसैनी कोराकैना

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मडुवा की खेती |  Ragi ki kheti

रागी की खेती के लिए सूखे जलवायु की आवश्यकता होती है। भारत में रागी की खेती ज्यादातर खरीफ मौसम में होती है। ज्यादा वर्षा होने पर राफी फसल कम होती है इसलिए रागी के पौधों को समुद्र तल से 2000 मीटर तक आसानी से उगाया जा सकता है। रागी की खेती से किसानों को विभिन्न लाभ होते हैं।

रागी की उन्नत खेती के लिए बलुई मिट्टी बेहतर स्थान होती है। पीएच मान 5.5 से 8 तक होना चाहिए। रागी के खेतों में ज्यादा पानी का भराव नहीं होना चाहिए क्योंकि पानी के भराव से Ragi के पौधे सूखने लगते हैं।

रागी की खेती के लिए तापमान भी बहुत महत्वपूर्ण होता है। इसे गर्मियों में ही उगाया जाता है। जब रागी के बीज अंकुरित होते हैं तो उन्हें 20 से 22 डिग्री तापमान की आवश्यकता होती है और जब वे पौधों के रूप में विकास करते हैं तो 30 डिग्री तापमान अधिक उपयुक्त होता है।

यदि आप रागी का पहली बार देख रहे हैं तो मैं बताना चाहूँगा कि इसके बीज दानेदार, गोलाकार और छोटे होते हैं। इन बीजों का रंग भूरा होता है और उनमें झुर्रियाँ होती हैं। जैसे कि राई के बीजों के रूप में, यह देखने में उनके समान लगता है।

रागी का पौधा | Plant of finger millet in hindi

रागी एक खाद्य फसल है, जो अक्सर सूखे और संकटमय मौसम में उगाया जाता है। यह भारत, अफ्रीका और एशिया के अन्य हिस्सों में भी उगाया जाता है। रागी के अनेक किस्में होती हैं, जो उनकी विशेषताओं और गुणों के आधार पर उनके उपयोग के लिए चुनी जाती हैं रागी की कुछ खास किस्मों में शामिल हैं:

  1. शुद्रा (OUAT 2) – इसके पौधे 1 मीटर ऊँचे होते हैं और उनमें 7-8 सेमी की लगभग बालियां होती हैं। यह रोगों के प्रति मध्यम प्रतिरोधी होता है।
  1. चिलिका (OEB-10) – इसके पौधे ऊँचे और चौड़े होते हैं और इन पौधों की पत्तियों का हल्का हरा रंग होता है।
  1. VL 149 – इसके पौधों की गांठें रंगीन होती हैं और इसकी बालियां हल्के बैंगनी रंग की होती हैं। इसका उत्पादन मैदानी या पठारी क्षेत्रों में किया जाता है और यह झुलसन रोग के प्रति मध्यम प्रतिरोधी होता है।
  1. GPU 45 – इसके पौधे हरे होते हैं और उनकी बालियां थोड़ी मुड़ी हुई होती हैं। इस रागी की खेती उत्तर भारत के तापमान और आबोहवा में की जाती है। यह उत्तम फसल है जो उत्तर भारत के सूखे और गर्म मौसम में उगाई जाती है।
रागी फसल का चित्र | Ragi ki kheti

रागी की कीमत | रागी कहां मिलता है

आमतौर पर, भारत में रागी की कीमत प्रति किलोग्राम लगभग 40 से 60 रुपये के बीच होती है। हालांकि, यह कीमत भिन्न राज्यों, शहरों और बाजारों में भिन्न होती है और स्थानीय बाजार के मौजूदा मूल्यों के आधार पर बदलती रहती है।

(amazon) अमेज़न पर रागी के आटे की कीमत ₹50 से ₹90 प्रति किलोग्राम तक रहती है

रागी अनाज क्या होता है

आधुनिक चिकित्सा में, गेहूं के आटे से निकलने वाले अधिकतर उत्पाद अधिक कैलोरी वाले होते हैं जो कि अत्यधिक शक्ति देते हैं लेकिन यह भी आमतौर पर अधिक ग्लूटेन युक्त होता है।

वैसे तो भारत में अन्य अनाज भी उगाए जाते हैं, जिन्हें खाने से स्वस्थ लाभ होते हैं। रागी एक ऐसा अनाज है जो आपको ग्लूटेन से दूर रखता है। इसके साथ ही यह अधिक पोषक तत्वों से भरपूर होता है जो आपके शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद होते हैं।

वजन घटाने के लिए भी, रागी एक अच्छा विकल्प है। यह शरीर को लंबे समय तक भोजन के लिए भरा रहने की अनुमति देता है जिससे आपका भोजन कम खाने में भी भरपूर शक्ति देगा।

इसलिए, रोटी खाने की आदत होने के बावजूद, रागी के आटे का उपयोग करके आप अपने स्वास्थ्य को बेहतर बनाएंगे।

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रागी की तासीर कैसी होती है

रागी एक प्रकार का अनाज है जो फिंगर मिलेट (Finger Millet) नाम से भी जाना जाता है। यह भारत में बहुत लोकप्रिय है और दक्षिण भारत में अधिक पाया जाता है। इसका आटा ग्लूटेन-फ्री होता है जिससे यह विशेष रूप से कोएलिएक रोग या ग्लूटेन अनुशंसित रोगियों के लिए उपयुक्त होता है। इसकी तासीर गर्म होती है, जो शरीर को उष्णता प्रदान करती है। इसलिए, रागी खाने से ठंडे मौसम में शरीर का तापमान बना रहता है और स्वस्थ रहने में मदद मिलती है। इसके अलावा यह फाइबर, प्रोटीन, कैल्शियम, विटामिन डी और विटामिन बी का भरपूर स्रोत होता है।

रागी के बीज कैसे होते हैं | Ragi seeds in hindi

रागी, जिसे नाचनी या मडुआ नाम से भी जाना जाता है, गर्म तासीर का एक अनाज है। इसके दाने छोटे और भूरे रंग के होते हैं और इन्हें कीटनाशक दवाइयों के बिना कई साल तक संग्रहित किया जा सकता है। यह एक मोटा अनाज होता है जो भारत के कई पहाड़ी इलाकों में उगाया जाता है। इसकी खेती कम सिंचाई में भी अधिक पैदावार देती है। इसके सेवन से सर्दियों में फायदेमंद होता है।

Ragi seeds

रागी कैसे खाएं | रागी खाने का तरीका

छोटे हिस्से में सेवन करने पर रागी एक अत्यधिक लाभकारी भोजन है  यह आयरन, खनिज, कैल्शियम, प्रोटीन और कई विटामिनों का एक समृद्ध स्रोत है।  सिर्फ 100 ग्राम रागी में 344 मिलीग्राम कैल्शियम होता है।  इसके अलावा, यह लस मुक्त भी है, जो इसे उन व्यक्तियों के लिए उपयुक्त विकल्प बनाता है जो लस के प्रति संवेदनशील होते हैं।  भले ही आप रागी के फायदों से वाकिफ हों, लेकिन आप नहीं जानते होंगे कि इसे अपने आहार में कैसे शामिल किया जाए इसलिए, आज हम रागी को अपने भोजन में शामिल करने के कुछ तरीकों पर चर्चा करेंगे।

  • रागी की रोटी (रागी फ्लैटब्रेड)

रागी की रोटी, या रागी फ्लैटब्रेड के साथ रागी को अपने आहार में शामिल करना आसान है।  इसे बनाने के लिए रोटी के लिए आटा गूंथते समय 2-3 मुट्ठी रागी का आटा गेहूं के आटे में मिला लें आप स्टफ्ड रागी रोटी भी ट्राई कर सकते हैं, जो न केवल पौष्टिक है, बल्कि हेल्दी भी है  स्टफिंग बनाने के लिए रागी के आटे के साथ हरी सब्जियां, प्याज, टमाटर, बीन्स और पनीर का मिश्रण इस्तेमाल करें सब्जियों से भरी यह रोटी फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होती है।

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  • रागी कुकीज (Ragi cookies)

यदि आप खाना पकाने में सहज नहीं हैं या बस शुरुआत से कुछ बनाने का मन नहीं करता है, तब भी आप रागी कुकीज़ खाकर रागी के लाभों का आनंद ले सकते हैं।  स्वादिष्ट और सेहतमंद कुकीज बाजार में आसानी से मिल जाती हैं रागी के बिस्कुट आपको किसी भी बेकरी में आसानी से मिल जायेंगे साथ ही, रागी चिल्ला और रागी इडली भी अच्छे विकल्प हैं।

रागी के पोषक तत्वों की जानकारी | Ragi nutritional value per 100g

पोषक तत्वमात्रा प्रति 100 ग्राम
कैल्शियम344 मि.ग्रा.
आयरन3.9 मि.ग्रा.
मैग्नीशियम137 मि.ग्रा.
फाइबर3.6 ग्राम
प्रोटीन7.7 ग्राम
कार्बोहाइड्रेट72 ग्राम
विटामिन सी0 मि.ग्रा.
विटामिन ए0.04 मि.ग्रा.
विटामिन डी0 मि.ग्रा.
विटामिन बी60.11 मि.ग्रा.
विटामिन बी120 मि.ग्रा.
विटामिन बी1 (थायमिन)0.42 मि.ग्रा.
विटामिन बी2 (रिबोफ्लेविन)0.19 मि.ग्रा.
विटामिन बी3 (निकोटिनाइड)1.1 मि.ग्रा.
फोस्फोरस283 मि.ग्रा.

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रागी के उपयोग | Uses of Ragi in Hindi

  1. रोटी बनाने के लिए रागी अधिकतर उपयोग की जाने वाली अनाज है।
  1. रागी का उपयोग लड्डू, चिप्स, इडली, डोसा, उपमा, हलवा, बर्फी, और बिस्किट्स जैसी विभिन्न व्यंजनों में भी किया जाता है।
  1. रागी का उपयोग त्वचा से दाग-धब्बों को हटाने के लिए भी किया जाता है।
  1. रागी से मदिरा भी बनाया जाता है।
  1. वियतनाम में रागी का उपयोग महिलाओं को बच्चे के जन्म के समय दवा के रूप में भी किया जाता है।

रागी खाने के फायदे और नुकसान | Ragi khane ke fayde aur nuksan

रागी एक लस मुक्त साबुत अनाज है जो आमतौर पर दक्षिण भारतीय व्यंजनों में उपयोग किया जाता है।  जब स्वस्थ खाने की बात आती है तो हम अक्सर चावल या गेहूं से बने व्यंजनों की बात करते हैं, लेकिन इन सबके बीच रागी एक महत्वपूर्ण अनाज है।  रागी नॉन-ग्लूटेन और नॉन-एसिडिक होता है, जो इसे ग्लूटेन, गैस आदि से परेशान लोगों और बच्चों के लिए उपयुक्त अनाज बनाता है।

पहली बार में रागी का स्वाद शायद आपको बहुत अच्छा न लगे, लेकिन रागी के फायदों के बारे में जानने के बाद आप इसे अपनी डाइट में जरूर शामिल करना चाहेंगे।  हालाँकि आपने रागी को कई बार चखा होगा, लेकिन आप शायद इसका नियमित सेवन न कर पाएं।  रागी के फायदे जैसे प्रोटीन, फाइबर, आयरन, कार्बोहाइड्रेट और मिनरल्स इसे सुपरफूड बनाते हैं जहां रागी के फायदे होते हैं, वहीं इसके कुछ संभावित दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं।  रागी का सेवन करने से पहले इसके फायदों और संभावित दुष्प्रभावों के बारे में जान लेना जरूरी है।

रागी खाने के फायदे | Ragi ke fayde in hindi

Ragi, जिसे फिंगर मिलेट भी कहा जाता है, भारतीय खाद्य पदार्थों में एक महत्वपूर्ण अंश है। यह एक सुपरफूड के रूप में जाना जाता है क्योंकि यह पौष्टिक तत्वों से भरपूर होता है। रागी का सेवन आपके शारीर के लिए कई फायदों के साथ स्वस्थ रहने में मदद कर सकता है। इसमें विटामिन, प्रोटीन, आयरन, कैल्शियम, फाइबर और अन्य पौष्टिक तत्वों की अधिक मात्रा होती है। अगर आप रागी को अपने आहार में शामिल करते हैं तो आपको स्वस्थ रहने के लिए बहुत से फायदे हो सकते हैं।

  • रागी में कैल्शियम की अधिक मात्रा होती है जिससे हड्डियां मजबूत होती हैं। इसके अलावा, रागी का सेवन करने से घुटनों, कमर और हाथों में दर्द में आराम मिलता है।
  • रागी का नियमित सेवन करने से लीवर स्वस्थ बना रहता है, जिससे गैस, एसिडिटी और कब्ज जैसी समस्याओं से छुटकारा मिलता है।
  • रागी का सेवन शारीरिक कमजोरी को दूर कर सकता है और शरीर की जलन, त्वचा विकार, किडनी या पथरी जैसी समस्याओं के इलाज में भी इस्तेमाल किया जाता है।
  • रागी त्वचा के लिए भी बहुत फायदेमंद है। रागी के आटे को उष्टन के रूप में प्रयोग करने से त्वचा मुलायम और खूबसूरत बनती है।

इसलिए, रागी डाइट में शामिल करने से आपको कई स्वास्थ्य फायदे मिल सकते हैं।

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अंकुरित रागी खाने के फायदे | Sprouted ragi benefits in hindi

अंकुरित रागी के खाने के कई फायदे होते हैं। निम्नलिखित हैं पाँच मुख्य फायदे:

  1. पौष्टिकता: अंकुरित रागी में पौष्टिक तत्वों की अधिक मात्रा होती है जो हमारे शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं। यह फाइबर, प्रोटीन, विटामिन और खनिजों का एक बहुत अच्छा स्रोत होता है।
  1. डायबिटीज कंट्रोल: अंकुरित रागी का सेवन डायबिटीज को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। इसमें मौजूद फाइबर, प्रोटीन और अन्य पौष्टिक तत्वों से आपकी बॉडी को ऊर्जा मिलती है जो शुगर कंट्रोल करने में मदद करती है।
  1. पाचन तंत्र को सुधारना: अंकुरित रागी में पाचन को बढ़ाने वाले अनेक फाइबर होते हैं, जो हमारे पाचन तंत्र को सुधारने में मदद करते हैं।
  1. वजन घटाना: अंकुरित रागी का सेवन वजन घटाने में मदद कर सकता है। इसमें प्रोटीन, फाइबर और कम कैलोरी होती हैं, जो आपको जल्दी भूख नहीं लगने देती हैं।
  1. ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करना: अंकुरित रागी का सेवन ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में भी मदद करता है। यह मुख्य रूप से इसलिए होता है क्योंकि अंकुरित रागी में मौजूद फाइबर और पोटेशियम का सेवन ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद करता है।

अंकुरित रागी को खाने के लिए आप इसे दही या तरह तरह की सब्जियों के साथ मिलाकर खा सकते हैं। इसे दलिया या पुलाव की तरह भी बनाया जा सकता है।

अंकुरित रागी का सेवन शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होता है, लेकिन इसका सेवन शुरू करने से पहले आपको अपने डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए। कुछ लोगों के लिए इसका सेवन नुकसानदायक हो सकता है, जैसे कि अलर्जी या इससे संबंधित अन्य समस्याएं हो सकती हैं।

इसलिए, अंकुरित रागी का सेवन करने से पहले आपको अपने डॉक्टर से जांच करवाना चाहिए और फिर इसका सेवन करना चाहिए।

रागी खाने के नुकसान | Ragi side effects in hindi

Ragi khane ke nuksan – रागी के सेवन से होने वाले नुकसानों (disadvantages of ragi) को भी जानना बहुत जरूरी है। रागी को डाइट में शामिल करने से पहले यह जान लेना चाहिए कि आपको इसका सेवन कितनी मात्रा में करना चाहिए। अधिक मात्रा में रागी का सेवन करने से कुछ लोगों को नुकसान हो सकते हैं। इसलिए, चलिए हम आपको रागी के सेवन से होने वाले नुकसानों के बारे में बताते हैं।

  • रागी का अत्यधिक सेवन शरीर में ऑक्जेलिक एसिड के स्तर को बढ़ा सकता है जो आपके स्वस्थ लिवर को नुकसान पहुंचा सकता है।
  • रागी का सेवन गुर्दे की पथरी वाले लोगों के लिए अनुचित हो सकता है और किडनी विकार के शिकार लोगों को भी अत्यधिक रागी का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • जब आप रागी का सेवन अति मात्रा में करेंगे तो आपको उल्टी, दस्त, चक्कर आदि साइड इफेक्ट्स का सामना करना पड़ सकता है।
  • बहुत से लोगो के लिए एलर्जी का कारण भी बन सकता है इस लिए रागी के सेवन से आपको किसी भी तरह की समस्या हो तो तुरंत डॉक्टर से सम्पर्क करे।

 इसलिए, रागी का सेवन करते समय सीमित मात्रा में ही करना चाहि।

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रागी से सम्बंधित पूछे जाने वाले सवाल

Q.रागी को उंगली बाजरा क्यों कहा जाता है?

रागी को उंगली बाजरा कहा जाता है क्योंकि इसके बीजों का आकार उंगलियों जैसा होता है और यह बाजरा के बीजों से काफी भिन्न होता है।

Q.क्या उंगली बाजरा और रागी एक ही है?

उंगली बाजरा और रागी दोनों एक ही अनाज है यह एक महत्वपूर्ण बाजरा हैं जो भारत और अफ्रीका में उगाए जाते हैं उंगली बाजरा का वैज्ञानिक नाम Pennisetum glaucum है, जबकि रागी का वैज्ञानिक नाम Eleusine coracana है।

Q.रागी किसे नहीं खाना चाहिए?

रागी गेहूं, चावल, जौ और बाजरे के समान एक अनाज है, जिसे आमतौर पर खाने में कोई नुकसान नहीं होता है हालांकि, इसके बारे में कुछ विशेष सावधानियां भी हैं रागी को अधिक मात्रा में खाने से गुर्दे संबंधी समस्याएं, कब्ज, दस्त और थायरॉयड जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए, जो लोग इन समस्याओं से पीड़ित हैं, उन्हें अपने डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए कि वे रागी को खाने से पहले अपनी सलाह लें।

Q.मडवा आटा क्या है?

मडवा आटा रागी का आटा होता है, जिसे अन्य नामों पर भी जाना जाता है जैसे कि मंडुआ का आटा या नागलंटा आटा। यह एक स्वस्थ अनाज है।

Q.रागी को उत्तर प्रदेश में क्या कहते हैं?

उत्तर प्रदेश में रागी को मिलेट, मंडुआ या नाचनी के नाम से जाना जाता है।

Q.रागी को व्रत में खा सकते हैं?

हाँ, रागी व्रत में खाया जा सकता है। व्रत के दौरान साबुदाने, कुटू के आटे के साथ रागी आटे का उपयोग किया जाता है।

Q.क्या मड़वा और रागी एक ही है?

नहीं, मड़वा और रागी अलग-अलग अनाज हैं। मड़वा ज्वार और बाजरे की तरह एक प्रकार का अनाज होता है, जबकि रागी एक अलग अनाज है जो भारत के कुछ हिस्सों में मुख्य रूप से खेती किया जाता है।

Q.क्या रोज रागी खाना अच्छा है?

हाँ, रागी दिन में एक या दो बार खाया जा सकता है। रागी में फाइबर, प्रोटीन, विटामिन्स और अन्य पोषक तत्व होते हैं जो शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं।

Q.रागी का देसी नाम क्या है?

रागी को देसी नाम में “मंडुआ” और “नाचनी” शामिल होते हैं।

Q.रागी को हिंदी में क्या बोलते हैं?

रागी को अन्य नामों से भी पुकारा जाता है जैसे मंडुआ, नाचनी, फिंगर मिलेट (Finger millet) आदि। इसका स्वाद बेहद स्वादिष्ट होता है और इसमें ऊर्जा का महत्वपूर्ण स्रोत होता है। रागी के छोटे-छोटे दानों में कई समस्याओं को ठीक करने के गुण समाहित होते हैं। रागी ग्लूटेन-फ्री होती है जिससे लोग जो ग्लूटेन से पीड़ित होते हैं इसमे बहुत सारे पोषक तत्व भी होते है।

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